यूपी के प्री प्राइमरी स्कूलों में रखे जाएंगे पूरे 1 लाख से अधिक संविदा एजुकेटर Contract Teacher News

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Contract Teacher News:. उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की प्री प्राइमरी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश में 2026 तक प्री प्राइमरी स्कूल संचालित करने जा रही है बता दे विलय के बाद हुए स्कूलों में यह सुविधा शुरू की गई है और उन्हें बाल वाटिका के रूप में सामने लाया गया है बेसिक शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत तेजी से यह काम कर रही है और सभी विभाग भी इस प्रक्रिया में जुड़ गए हैं इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश के सभी प्राथमिक तथा कंपोजिट स्कूलों में 3 साल से 6 साल तक के बच्चों के लिए प्री प्राइमरी स्कूल खोले जाएंगे जिसकी तैयारी की जा चुकी है और इन स्कूलों में पढ़ने के लिए संविदा एजुकेटर भी नियुक्त किए जाएंगे दिन की नियुक्ति बनाई गई कंपनियों के द्वारा की जाएगी और इन्हें एक कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त किया जाएगा यह संविदा एजुकेटर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के साथ मिलकर बच्चों को प्री प्राइमरी शिक्षा उपलब्ध कराने का काम करेंगे।

15 अगस्त 2025 से 2026 तक चलेगी बाल वाटिका की प्रक्रिया

अभी वर्तमान में विलय होने के बाद प्री प्राइमरी स्कूल खाली पड़े हैं जिन्हें अब बाल वाटिका बनाने की तैयारी की जा रही है बता दें तकरीबन 8000 स्कूलों में 15 अगस्त से प्री प्राइमरी स्कूल खोले जाएंगे और अभी तकरीबन 35000 परी प्राइमरी स्कूलों में और कंपोजिट स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है यहां भी बोल वाटिकाओं का संचालन किया जाएगा और 2026 तक यह सभी बल वाटिका तैयार हो जाएगी जिन पर संविदा एजुकेटर भी नियुक्त किए जाएंगे और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी बता दे इनका काम 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों को पढ़ना होगा बता दे तकरीबन 1 लाख से अधिक स्कूल तथा कंपोजिट और प्राथमिक स्कूल में ऐसे हैं जहां पर इन संविदा एजुकेटर की जरूरत पड़ेगी।

सभी प्री प्राइमरी स्कूलों में रखे जाएंगे संविदा एजुकेटर

शिक्षा मंत्रालय की पीएबी मीटिंग में स्वीकृति मिलने के बाद संविदा एजुकेटर की तनाती शुरू होगी पिछले साल तकरीबन 10000 से अधिक संविदा एजुकेटर तैनात किए गए थे और इस साल भी 9000 के लगभग एजुकेटर की तैनाती की स्वीकृति मिल गई है जिस पर भीम लगातार चल रही है और 2026 तक सभी स्कूलों में प्री प्राइमरी स्कूल खोल दिए जाएंगे जन्मे लगभग 1.12 लाख संविदा एजुकेटर की जरूरत पड़ने वाली है और यह प्रक्रिया भी कई अलग-अलग चरणों में चलेगी।

खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाएंगे संविदा एजुकेटर

बाल बाती का खोलने का सीधा उद्देश्य बच्चों को परी प्राइमरी शिक्षा देने के साथ-साथ उनके मानसिक विकास को भी बढ़ाना है विभाग के अनुसार यह बोल वाटिकाएं संचालित करने से बच्चों की खेल-खेल में पढ़ाई हो सकेगी तथा पढ़ाई के साथ-साथ उनका मनोरंजन भी हो सकेगा जिससे उनकी मानसिक स्थिति भी अच्छी रहेगी और पढ़ाई में भी सुधार आएगा जिसकी तैयारी पूरी तरह से शुरू की जा चुकी है और बाल वाटिकाएं 2026 तक पूरी तरह से खोली जा चुकी होंगी जिनके लिए संविदा एजुकेटर की तैनाती की जाएगी।

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